आर्थिक तंगी के चलते धरना -अनशन पर मोदी..?
धन की वर्षा वाले त्यौहार पर भी आर्थिक मंदी से जूझ रहे कर्मचारी धरने पे रहेंगे !
पूर्व सूचना निवेदन आवेदन करने के बाद भी 24 अक्टूबर 2019 तक वेतन भुगतान नहीं करने पर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी सड़क परिवहन निगम कर्मचारी अधिकारी उत्थान समिति के संयोजक कृष्णा मोदी धरना /अनशन करेंगे ! सड़क निगम आला अधिकारियो द्वारा निगम के कार्यरत कर्मचारियों के लंबित वेतन के लिए प्रमुख सचिव वित्त से 5 करोड़ 94 लाख राशि मागि गई थी जिस के नहीं मिलने पर आज दिनांक तक कर्मचारियों के वेतन का भुगतान नहीं किया गया जिस कारण कर्मचारियों में भारी रोष /गुस्सा हे ! इसके विरोध में मोदी र्मचारियों सहित 25 अक्टूबर से निगम मुख्यालय पर धरने /अनशन पर बैठेंगे !
जब पूरा देश दीपावली उत्सव हर्षोल्लास के साथ परिवार में मनाएगा तब स्वतंत्रता संग्राम सेनानी डॉ कृष्णा मोदी सड़क परिवहन निगम के कर्मचारियों के वैधानिक अधिकार आर्थिक मानसिक सामाजिक पीड़ा को दूर करने के लिए संघर्षरत रहेंगे उनका या संघर्ष सड़क परिवहन निगम के कर्मचारियों को विगत मई माह से वेतन नहीं दिए जाने के कारण से किया जा रहा है !
मोदी द्वारा उल्लेखित किया गया कि राज्य शासन के विभाग इकाइयों में 27अक्टूबर को दीपावली होने के कारण से 25 अक्टूबर को वेतन भुगतान किया जाने के निर्देश जारी किए जा चुके हैं परंतु सड़क परिवहन निगम के कर्मचारी जिनको विगत 06 माह का लंबित वेतन भुगतान और सातवां माह पूर्ण होने जा रहा है ! नहीं दिया गया! कर्मचारियों द्वारा रक्षाबंधन ईद जन्माष्टमी 15 अगस्त दशहरा जैसे त्योहारों को अपने परिवार के साथ आर्थिक मानसिक पीड़ा के साथ मनाया परंतु अब बहुत ही नाजुक स्थिति हो चुकी है दीपावली पर आर्थिक पीड़ा झेलने की स्थिति में कर्मचारी नहीं है कर्मचारियों द्वारा विगत छै माह से वेतन के लिए प्रबंध निर्देशक मध्य प्रदेश सड़क परिवहन निगम प्रमुख सचिव परिवहन मध्यप्रदेश शासन प्रमुख सचिव वित्त मध्यप्रदेश शासन माननीय अध्यक्ष मानव अधिकार आयोग मध्यप्रदेश के अतिरिक्त गोविंद सिंह राजपूत परिवहन मंत्री मध्य प्रदेश शासन पीसी शर्मा मंत्री मध्य प्रदेश शासन सुखदेव पांसे मंत्री मध्य प्रदेश शासन तरुण भनोट वित्त मंत्री मध्य प्रदेश शासन तथा विधायक गणों से पत्राचार एवं व्यक्तिगत निवेदन किया गया परंतु 24 अक्टूबर 2019 अंतिम निवेदन पर निदान नहीं होने की स्थिति में धरना अनशन किए जाने का निर्णय लिया गया और यदि इसके उपरांत भी कर्मचारियों की समस्या का निदान नहीं किया जाता है तो इससे और भी कठोर निर्णय लिया जाने हेतु संघर्ष करते रहेंगे !