हरित क्रांति आंदोलन
राजधानी भोपाल में विकास के नाम तथा स्मार्ट सिटी बनाने और विधायकों के आलीशान बंगले बनाने के लिए हजारों बड़े बड़े पेड़ों को अब तक काटा जा चुका है तथा शहर की हरियाली को नष्ट करने का सिलसिला बदस्तूर निरंतर जारी है जिससे भोपाल की प्राकृतिक ख़ूबसूरती कम होने या यूं कहें कि एक दिन ख़त्म होने की कगार पर पहुँच चुकी है |भोपाल की अतिखूबसूरत हरियाली को बचाये रखने, इसे रोकने और इससे निपटने के लिए हरियाली बचाओ आंदोलन बहुत जरूरी है |
गौरतलब है क़ि पूरे प्रदेश में पिछले पांच साल में 40 साल पुराने 2.50 लाख से ज्यादा पेड़ काटे जाने से सूबे का तापमान 5 से 7 डिग्री तक बढ़ा | जबकि 2016 में हरे -भरे भोपाल की 2019 में हरियाली खत्म कर दी गयी ।
भोपाल के इस हाल के लिए हम भी जिम्मेदार हैं , 2009 से 2019 के बीच 26% घटी हरियाली, यही हाल रहे तो 2025 तक 3% ही बचेगा ग्रीन कवर | राजधानी में पिछले .पांच साल में 2.50 लाख ऐसे पेड़ काटे जा चुके हैं, जिनकी उम्र 40 वर्ष से अधिक थी। 95 हजार 850 पेड़ तो उन 9 स्थानों पर काटे गए हैं, जहां कोई सरकारी या व्यावसायिक निर्माण प्रोजेक्ट चल रहे हैं। थोड़ा और पीछे चलें तो बीते एक दशक में राजधानी में ग्रीन कवर 35 फीसदी से घटकर 9 फीसदी पर आ गया है।
इसके मद्देनज़र आंदोलन की योजना बनाने और रूपरेखा तैयार करने भोपाल के पर्यावरण प्रेमियों की एक बहुत महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन 26/10/2019 को सुबह10 बजे किया गया है | आंदोलन को अमलीजामा पहनाने विभिन्न संगठनों की सहभागिता रहेगी ।आंदोलन पूर्ण रूप से अराजनैतिक रहेगा।पर्यावरण प्रेमी और समाज के जिम्मेदार नागरिक होने के नाते और अपने शहर की अनमोल ख़ूबसूरती को बरक़रार रखने शहर के सभी नागरिकों को इस बैठक में आमंत्रित किया गया है। इस आंदोलन को संचालित करने के लिए बैठक में एक कोर कमेटी का गठन भी किया जाएगा जो को शहर में उजड़ रही व ख़त्म की जा रही चौतरफा फैली हरियाली को रोकने व इससे निपटने शासन प्रशासन को अपने सुझाव भी देगी | इसमे विभिन्न संगठनों का प्रतिनिधित्व रहेगा।